महिला अफसरों के चलते पुरुष अफसर के प्रमोशन पर लगी रोक! केंद्र से मांगा जवाब! 15 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

Supreme Court

Supreme Court: बीते शुक्रवार भारतीय सेना की महिला अधिकारियों के प्रमोशन पर ताजा अपडेट सामने निकल कर आया है। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भारतीय सेना महिला अधिकारियों के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रही।

“सेना पहले अपना घर दुरुस्त करें और सेना, महिला अधिकारियों के साथ निष्पक्ष नहीं रही है, बताएं कि आप क्या करने जा रहे हैं। हम मंगलवार को इस मामले में अंतिम निर्णय सुनाएंगे।”

आदेश के बाद भी नहीं मिला प्रमोशन

दरअसल, शुक्रवार को भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक में प्रमोशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। याचिका में दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी महिला अधिकारियों को 2021 में प्रमोशन नहीं दिया मिला।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस PS नरसिम्हा की पीठ ने 34 महिला अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सेना अपना ‘‘घर ’’ दुरुस्त करें। सेना उन महिला अधिकारियों के लिए ‘‘निष्पक्ष’’ नहीं रही है, जिन्होंने 2020 में शीर्ष अदालत के निर्देश पर स्थायी कमीशन दिए जाने के बाद पदोन्नति में देरी का आरोप लगाया है।

कोर्ट ने केंद्र सरकार से माँगा जवाब

पीठ ने सेना को आदेश दिया कि वह प्रोन्नति के लिए अक्तूबर में विचार किए गए पुरुष अधिकारियों के नामों की घोषणा तब तक न करें, जब तक कि महिला अधिकारियों के लिए चयन बोर्ड-3 की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।

पीठ ने केंद्र सरकार और सेना की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से पूछा कि अक्टूबर में प्रोन्नति के लिए महिला अफसरों के नामों पर विचार क्यों नहीं किया गया?

पुरुष प्रमोशन पर लगी रोक

महिला अफसरों की ओर वरिष्ठ वकील वी मोहना ने कोर्ट को बताया कि महिला अफसरों को स्थायी कमीशन दिए जाने के आदेश के बाद से अब तक 1,200 जूनियर पुरुष अफसरों को पदोन्नत किया जा चुका है।

उन्होंने मांग की SB3 की नियुक्तियों को 249 महिला अधिकारियों को पदोन्नत किए जाने तक रोक दिया जाना चाहिए क्योंकि SB3 अधिकारी हमसे जूनियर हैं।

Supreme Court: 15 दिसंबर को अगली सुनवाई

SSG संजय जैन ने बताया कि जिन अधिकारियों को पदोन्नत किया जाना है उन्हें ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब में कहा कि आपने इन महिला अधिकारियों पर विचार क्यों नहीं किया? इन महिला अधिकारियों के साथ न्याय नहीं किया, हम अस्थायी आदेश पारित करेंगे।

अक्टूबर में विचार किए गए पुरुष अधिकारियों को तब तक न रखें जब तक कि आप इन महिला अधिकारियों पर विचार न करें। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार 15 दिसंबर को सुनवाई करेगा।

इसे भी पढ़ें>>>

नए साल से पहले कर्मचारियों को मिला बड़ा लाभ! महंगाई भत्ता में होगा 4 से 5 फीसदी की वृद्धि! देखें रिपोर्ट!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *